रम्मी आत्मा: अपनी आत्मा की लड़ाई

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रम्मी आत्मा: अपनी आत्मा की लड़ाई

रम्मी ने अपने जीवन के प्रत्येक किनारे पर आत्मा की लड़ाई लड़ी। वह सदैव अपनी धार्मिक और आत्मानुसार विचारों को पहचानने और विश्वास करने के लिए कड़ा व्रत किया। रम्मी का जीवन एक लड़ाई था, लेकिन इसका अर्थ हमेशा खुद से, अपने अंदर ही था।

रम्मी ने पहले तो अपने बाहरी क्षेत्र को साफ़ करने का प्रयास किया। वह आदर्श को अपने जीवन में बाँधने की कोशिश करता रहा। वह अपने लक्ष्यों को साफ़ रखता रहा और उन्हें पाने के लिए अपनी सारी शक्ति का उपयोग करता रहा। लेकिन एक दिन, वह देखा कि अपने अंदर की खाली स्थापत पर जोर देना बहुत ज़रूरी है।

आत्मा की लड़ाई शुरु हुई। वह अपने भीतर के झगड़ों को समझने और उन्हें हल करने का प्रयास करने लगा। वह अपने संदेहों को साफ़ करने का प्रयास करता रहा और अपने भीतर के असंतोष को पहचानता रहा। वह अपने भीतर के बदले और लंबित कुदरतों को समझता रहा और उन्हें हल करने का प्रयास करता रहा।

रम्मी ने यह सीख ली कि लड़ाई भीतरी होने पर भी, इसका अर्थ होगा। वह अपनी आत्मा की लड़ाई लड़े। वह अपने संदोहों, धैर्य और देखा जाने के संदेह को हल करने का प्रयास करता रहा। वह अपने भीतर के ताकतों को बढ़ावा देने और उन्हें विकसित करने का प्रयास करता रहा।

हर दिन रम्मी ने अपने आत्मा की लड़ाई लड़ी और समय पार करते हुए उसकी जीत को देखा। उसने अपने अंदर के असंतोष, झगड़े और नासमझी को हल किया और अपनी आत्मा को बढ़ावा दिया। उसने अपने जीवन की यह लड़ाई लड़कर अपने परिवार के साथ एक अच्छा संबंध पाया और अपने अंदर के ताकतों को भी विकसित किया।

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